विसर्जन

कामना है नवसृजन हो

जब घडी विसर्जन हो

रोम रोम हो प्रसन्न

भले डब्डबायें नयन

बप्पा के साथ

सपनों की बारात

चले गंतव्य की ओर

हर्षोल्लास, उत्साह का शोर

विनायक करें सागर को पावन

और निर्मल हो अपना जीवन

जब कम हो संध्या की जयोति

तब मेरे आस्था का मोती

ले एक अदभुत रुप

अंधियारे में जैसे धूप

और एक बार फिर विसर्जन

ले आए नवसृजन

-डिम्पल कॉल

Author: Dimple

Citizen of the free world....Love expressing myself through words....

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